सरकारी योजनाओं के तहत हमें मालूम है कि “बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ” हर चौक चौराहे में हमे इश्तहार लगा मिल जाता है लेकिन बाकई में क्या हमारे समाज में लोग जागरूक हो गए नहीं, आज भी हमारे समाज को ये समझ में नही आ रहा कि हमें माँ, बहन,बहू चाहिए,तो बेटी क्यों नहीं..? अगर हमारे समाज में बेटी को ही रोक लगा देंगे तो क्या हम माँ, बहन,बहू की कल्पना कर सकते है नही न फिर भी हमारे समाज को माँ, बहन,बहू चाहिए।
क्या हमारे समाज में बेटी को दहेज में धनराशि देने के भय से धरती पर जन्म लेने का अधिकार नही है ? आज समाज में जिस दहेज की बात की जाती है उसे जन्म किसने दिया ? अगर समाज में जिन नियंताओं ने दहेज प्रथा को जन्म दिया है तो दहेज प्रथा को समाप्त कर सार्थक कदम उठाते हुए सख्त कानून लागू हो जिससे हमारे समाज में बेटी शब्द से सभी के हृदय में सम्मान जागृत हो और ये धरती स्वर्ग बन जाये।
धन्यवाद
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